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क करमैता,
ख खरखांही,
पहाड़ा रटै-
ग गलसेदी
घ घटाही,
ङ पुकारी,
च चरवाहा,
छ छटपहिया,
ज जतकुट्टा,
झ झपलेलों,
ञ इनरासन आसन-वासन
से लैकें, आगू के अक्षर ज्ञान चलहै रहै,
य यजमानी, र रसगुल्ला,
ल सॅ लकड़ी, व वसूल्ला
स सरकंडा, ह हरमुनियम
चार नचनियां दू-दू कनियां,
एक बराती गाव पराती।
आरो सँझकी वक्ती एक सुर में मूड़ी हिलाय हिलाय के बुतरू पहाड़ा रटै-
एक एका कोठी रोजन्नी,
दू दूतिया चाँद,
तीन तिकौनी,
चार बेल
पांच पंडा,
छों से रस,
सात समुन्दर,
आठ कुनीला,
नो विग्रह,
दस मासे,
ग्यारह चनरमा,
बारह आदि