Page:Satti Bodi (Dr. Amrendra).pdf/27

From Wikisource
Jump to navigation Jump to search
This page has been proofread.

भले सौकालीन कैथ बतैर्ते रहें, मतर देशला की बूझै छै, सबभे के मालूम छै । आरो जों देखें, तें देशला कोय्यो नै । कोय राजस्थान से ऐलो, तें कोय मध्यप्रदेश सें, तें कोय बंगाल सें।" ई कही के माधो दिल खोली के हाँसी पड़लों छेलै - ही, ही, ही, हा, हा, हा, हा ।

“हाँसै हैं माधो आरो तोरों हँसी कैठां बैठी रहलो छै, हम्मू जानै छियै ।" बदरी के आँख कुछ कड़ा होय गेलों छेलै, “अरे भाग मनावें भाग कि यहा सौकालीन कैथ छेकै, जेकरों कारण अइयो ठिठियाय रहलो छै, नै तें पाँच घॉर जेलों के पाँच कोठरी होतियै । बहू बेचारी तें आपने जात के नी छेलै, रे ! हाय, बेचारी के की दोख छेलै । कहिया बीहा होलै, कहिया सांय छोड़ी देलकै, ओकरा ठीक से मालूमो नै होले, जुवान होलै, ते के आपनों पाप ओकरी कोखी में छोड़ी देलकै, आरो कखनी कौनें ओकरा जीत्ते जी मारी देलकै, हेकरों पतो नै चललै । रातो-रात नदी में लकड़ी सुलगलै आरो दुर्गंध उठलै, तें गाँववाला के मार्थो ठनकलों छेलै । पटवारी नदी दिस बढ़लै, ते अधजरले लाश छोड़ी के सब भागी गेलै । के छेलै जरायवाला, पतो नै चललै, खाली लहाश के पता चललै, बेचारी पुनिया के लहाश, पचीस-तीस बछर से बेसी के नै होती, बेचारी । तो याद होती, भिहाने बौंसी थाना के पुलिस की रं दनदनैलों पहुँची गेलों छेलै । हौ तें बुद्धिमानी समझें कि लहाश रातोरात खाक होय गेलों छेलै आरो विहानै केना के लक्ष्मीदा कहाँ से आवी गेलों छेलै । एक तें मास्टर, दूसरों जे रं अंग्रेजी में बोले लागलों छेलै कि अंग्रेजी पुलिस के होशे उड़ी गेलै । पुलिस अफसर हाथ मिलैले छेलै आरो बौंसी लौटी गेलों छेलै । नै ते आय तांय ई गाँव पुनिया के देही में लागलों आगिन में झुलसतें होतियै । आरी सौकालीन कैथों के नामों पर ठिठियाय रहलों हैं। ई संस्कारो रखवे आरो वाभनों कहैये, भला ई कहीं होलों छै । " वही पर अब तांय चुपचाप बैठलों आरो टुकुर-टुकुर एक दूसरा के देखते बल्लो सॅ नै रहलों गेलै तें कुछ बुदबुदैलै आरो फेनु इसपिरिंग लागलों पुतला नांखी झट से ठाढ़ों होय गेलै, ई कहते, "चललियौं, तोरा सिनी के जे पुराण पढ़ना छौ, पढ़ें ।"

“रुकें, रुकें, बल्लो, ढोढ़वा के काटले बिक्खे कर्ते ? आरो एकरासिनी अमरजीत कुलों के मान-प्रतिष्ठा के बारे में जानवे करै छै कर्ते ?” अब तांय चुप्प कल्लर बोललै, जे सुनी के आपनों उस्सट आवाजों में माधो ने कल्लर