User:Shincymshaji

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आज मैं अपने विषय मे कोछ कहना चहती हो।मेरा नाम शिन्सी एम शाजी है। अकाशगंगा में पृथ्वी नाम का एक गृह है। ऐसा माना जाता है कि यह इस सूर्यम्ंडल का सबसे अनोका गृह है।क्योकि मनुष्यो का कहना है कि इसी गृह मे जीवन पनप्ता है ।इसी अनोके गृह में मेरा जन्म हुआ ।ऐशिया नाम के महादिप के द्श्रिण मे भरत नाम के देश मेरा जन्म हुआ । भरत के द्श्रिण मे समुद्र से घिरा एक कसबे मै मेरा जन्म हुआ।इस छोटे से कसबे का नाम कोटेय्म है। मेरे पिताजी श्रि शाजी थोमास एक अध्यापक है वह मध्य प्रदेश में काम कर रहे है ।मेरी माता जी भी एक आध्यापिका थी।उनक नाम श्रिमाती सेलीन शाजी है ।आज वह एक ग्रहणि है।मेरी एक छोटी सी और प्यारी एक बहान है जिसका नाम सिन्धिया है।वह दंसवी कश्रा मे पड्ती है।

                                             मेरी प्ररंभिक अध्यान मध्याप्रदेश मे हुई।दसवी कश्रा के बाद मे केरल मे आपनी बाकि अध्यान किया । अभी मैं क्र्ष्ट विश्वाध्याल्य मे जीव विज्ञान मे अध्यान कर रही हू।मेरी किताबे पाढने और संगीत सुन ने मे रुचि है।मेरी कविता लिखाने मे भी रुचि है।मेरा एक मात्र लक्श एक बहुत अच्छा विज्ञानिक बनना है।बचपन्न से मेने यही एक सपना देखा है।मै आशा करती हू कि एक दिन मेरा ये सपना पूरा हो जाएगा क्योकि ईश्वार मेरे साथ है।
                                              मेरे सबसे बडे गुरु ईश्वर है।महापुरुशो कै वाचन मेरे लिए ज्ञान क अपुर्व धन है।यदि किसी मनुष्य को अपने जीवन के यर्थात को जाना है तो उसे खुद के बारे मे पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। मनुष्या प्रतिदिन जीवन के विष्या मे जानकारी प्राप्त करता है यही जीवन का सार है ।