Page talk:Yuddh aur Ahimsa.pdf/146

From Wikisource
Jump to navigation Jump to search

[[Category:]]: WS . क्या अहिंसा बेकार गयी ? अपने लेख पर हुई इस आलोचना का कि यहूदी तो पिछले २,००० वर्ष से अहिंसक ही रहे है, मैंने जो जवाब दिया था, उस पर एक सम्पादकीय लेख में ‘स्टेट्समैन' ने लिखा है :- “पास्टर नीमोलर और लूथेरन चर्च पर हुए अत्याचारों की बात सारी दुनिया को मालूम है; अनेक पास्टरों और साधारण ईसाइयों ने पोप की अदालतो, हिंसा और धमकियों के कष्टों को बहादुरी के साथ बर्दाश्त किया और बदले या प्रतिहिंसा का ख़याल किये बिना वे सत्य पर डटे रहे । लेकेिन जर्मनी में कौन-सा हृदय-परिवर्तन नज़र आता है ? बाइबल के रास्ते चलनेवाले संघों (‘बाइबल सरचर्स लीगों' ) के जिन सदस्यों ने नाज़ी सैनिकवाद को ईसा के शान्ति-संदेश का विरोधी मानकर प्रहण नहीं किया, वे आज जेलख़ानों और नज़रबन्द-कैम्पों में पड़े सड़ रहे हैं और पिछले पाँच सालों से उनकी यही दुर्दशा हो रही है । कितने जर्मन ऐसे हैं, जो उनके बारे में कुछ जानते हैं, या जानते भी हैं तो उनके लिए कुछ करते हैं ?