Oral history interview of an Angika speaker

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Oral history interview of an Angika speaker
Pramila Devi is a farmer and daily wage labourer from Tonapathar village, Banka district, Bihar. In this interview, she shares about her lifestyle, the festivals she and her community participates in, her ancestors, the food habits during her childhood, the struggles of the residents of Tonapathar, her language, and about farming.
Pramila Devi's oral history

साक्षात्कारकर्ता: ते तों कोन धरम के माने छो?

साक्षात्कारदाता: की कोन धरम?

साक्षात्कारकर्ता: धरम जेसें हिन्दू, मुस्लिम... हिन्दू छो की कोन धरम के छो?

साक्षात्कारदाता: हमहरनी ते हिन्दुवे न छेकियो।

साक्षात्कारकर्ता: आर पूजा तूजा करे छो, की करे छो, किरंग परब मनावे छो?

साक्षात्कारदाता: हों, परब मनाय नय छिये ते? काली मंडम पूजा होवे छो से सब मनाय छियो।

साक्षात्कारकर्ता: कहिया होवे छे ई पूजा?

साक्षात्कारदाता: मंगर के मंगर के होवे छो।

साक्षात्कारकर्ता: हर मंगर के होवे छे?

साक्षात्कारदाता: मंगर के होवे छो, सनीचर के होवे छो।

साक्षात्कारकर्ता: कोन महिनाम होवे छे?

साक्षात्कारदाता: माने ई माघ पड़ गेलो ने, अब पूजा सुरू होय जातो 'मंगरवारी', ऊ करतो।

साक्षात्कारकर्ता: आरो कोनो परब करे छो?

साक्षात्कारदाता: हों, करे छिये ने।

बोड़ो परब करे छिये, 'सुरजाहू'।

साक्षात्कारकर्ता: 'सुरजाहू' कोंची होवे छे?

साक्षात्कारदाता: होकरा म पाठा बकरू लागे छो, तीन गो पाठा लागे छे। उजरो उजरो सब।

आर बाचा बुतरु मुड़नो रहे छो, माथा, ओकरा म मुड़नो करलो जाय छे।

साक्षात्कारकर्ता: कोंची क परब छे, कोंची मनाबे छो तोरन्ही? सुरजाहू म?

साक्षात्कारदाता: मने सुर्ज मांगबो हमहरनीं मागलो आय रहल छियो माने सुरू म सें, बाप दाधें स करी रहल छे।

वेहे टा मानलो आय रहल सब हमहरनी। हमनी जे छेके हिन्दू क से, सब कर रहल छिये ऊ।

जहिया भी होवे, दस बरस में होवे, बीस बरस में होवे, मने ऊ चीज करन्हे चाहिये।

साक्षात्कारकर्ता: सूरज भगवान के?

साक्षात्कारदाता: हों, सूरज भगवान आरो ई काली मंड के।

हों, काली मंडप छेके...

साक्षात्कारकर्ता: दू गो ई परब करेल लागे।

लागे। जहियो करे।

साक्षात्कारदाता: हों, जहियो करे, माने करन्हे चाहिये।

आर ने करभो ते सरीर ठीक नय न रहतो, तोरा सताहीं पर रहतो।

परे पर रहतो समांग, तों ठीक रहबे न करबो ते कन्ने खाभो तों?

येहे बात छो!

साक्षात्कारकर्ता: आरो कोय परब के बारे म बताहो।

साक्षात्कारदाता: आरो ते जे करे छियो से तोरा बोल देलियो, आरो फरु ई माघ आय गेलो नय अबे ई सरसती करतो जेकरा मोन खुसी

वें बेठाय छो सरसती, वोहो सभू पूजा करे छे सरसती माय कें।

त ऊ फल फूल जे हुंनखो सभे चढ़ाय छे।

मने ई तीन गो होय गेलो, तीन गो परब जानिए करे छिए सभू, हिन्दू क माने

तीन परब हमनी करे छिए।

साक्षात्कारकर्ता: ते तोरा घर म बुतरु जे जनम होले किरंग मनावे छे?

साक्षात्कारदाता: ने, ऊ टा ते नय मनाए छिए।

साक्षात्कारकर्ता: आर जे बुतरु बोड़ो होय जाय छे ते ओकरा लेली कोय परब मनावे छे? मुंडन नय ते...

साक्षात्कारदाता: हों, ते ओकरे म करे छियो, जे सुरूज भगवान- सुरजाहु म होवे छो सब

जे अब बचा होय गेलो छो छोटो नय, ते ऊ रही गेलो जेतने बाल छो जखनी होतो सुरजाहु तखनी बाल गिरतो

तखनिहे बाल गिरतो, अखनी तीन बुतरु हम्मर तयार होय गेल छे

अब जहिया करबे, देहो फूले छे हम्मे बोले छियो सें

जहिया करबे तहिया तीनो बचा क बाल उतारेल लागते

आर आरो बढ़ी जाते ओकरोम सें, सबके ओकरेम करेल लागते

साक्षात्कारकर्ता: तखनी ते...

हों जे गो होते बाल बचा जे बढ़ते ने

से जानिहो होकरे म होते सब

येहे तीन गो परब हमहरनी करे छियो, आर जे बचा बुतरु जे वेहे लागे छो से वेहे म करे छिए

साक्षात्कारकर्ता: आरो कोय परब जेकरा बारे म हमरा नय पता होवे?

ने, माने तीन्हे गो त परब करे छिए!

साक्षात्कारकर्ता: अच्छा।

साक्षात्कारदाता: आर ई रंग त जेकरा देघर बासकी जेक खुसी स जेय छे

पूजा करे ल, जेकरा मोन होवे छे जाय छे

साक्षात्कारकर्ता: होकरा म बांधलो नय छे?

साक्षात्कारदाता: नय, होकरा म त बांधलो नय छे

आर ई सब में तीन गो परब करन्हे चाहिये

साक्षात्कारकर्ता: एकरा म नागा नय।

साक्षात्कारदाता: ने,नागा नय होना चाही।

साक्षात्कारकर्ता: ते ई सब तों, दिवाली, होली आर ई सब मनावे छो?

साक्षात्कारदाता: हों, ऊ सब ते मनेय छे

साक्षात्कारकर्ता: ओकरा भगवान उगवान, जिरंग एकरा म छे की सूरज भगवान के पूजा करना छे, नय ते काली माय के पूजा करना छे, ऊ रंग नय होतो?

साक्षात्कारदाता: ऊ रंग नय होतो, ऊ नय होवे छे ऊरंका

साक्षात्कारकर्ता: अखनी नोवो साल छेले, किरंग मनाल्हो तोरन्ही?

साक्षात्कारदाता: ऊ हमहरन्ही ओकरा म की मनाबे, ओकरा हमनी कुछु नय मनालियो

खाय लेलके सब, अप्पन जेकरा जे बुझाले बनाय सनाय आफ्नो खाय पी लेलको।

साक्षात्कारकर्ता: तोर जनम कहिया होल छेलो? कोन साल, केतना साल?

साक्षात्कारदाता: ई टा त ने होतो खेयाल

साक्षात्कारकर्ता: ने खेयाल छो?

साक्षात्कारदाता: हमनी क बनाबे न करे छे, ऊ जनमटिपनी बनावे छे तब ने रहे छे खेयाल

साक्षात्कारकर्ता: अच्छा, ने बनावे छे?

साक्षात्कारदाता: ने, हमनी क ने बनलो छो तखनी

साक्षात्कारकर्ता: तइय्यो कोय अंदाज केतना उमर होतो तोरो?

साक्षात्कारदाता: अंदाज करे पारबो हम्में? ई टा अंदाज हमरा नय होतो

ऊ रहे छे, ओकरा म अंदाज...बनवाय छे जनमटिपनीया तब ने रहे छे अंजाद

एकरा म ते कोय ठेकाने नय छो हमहरन्ही क

साक्षात्कारकर्ता: अच्छा तोरा हिसाब सें जे हमहरन्ही क रहे सहे क छे तोर तरीका ओकरा म कोय सुधार आने जोर्रत छे

ई गामोक देखिक तोरा की लागे छो की सबसे जादा जोर्रत कोंची क छे?

साक्षात्कारदाता: हमनी क, गामो क?

साक्षात्कारकर्ता: हों। ई गामो म, अप्पन लोगो म, कुछु। कुछु क जोर्रत बुझाय छो?

साक्षात्कारदाता: जोर्रत ते बुझाते ने?

हमनी क ते जानियो सब चीज म जोर्रते छे

केसें हमनी गरीब छियो, ते हमनी क सब चीजे क जोर्रत छो अखनी

अखनी त जानिहो, पानी तकलीफ छे पूरे

वहाँ भीरी कुइयां नय, अखनी नहावे धोवे क सब

एगो चापाकल छे, ऊ पानी धड़े पारे ढेर?

नहाना धोना सब चीज के तकलीफे छो ई गामों म

दोसरा गाम के बात नय कहे पारबो, अप्पन गामो क ते जे छेके

हमहरन्ही हर चीजे म छो तकलीफ

साक्षात्कारकर्ता: ते जे सुधार होवे क मौका होवे ते की कहबो

सबसे पहला सुधार एक ते पानी कहलो तों, आरो?

साक्षात्कारदाता: आरो अखनी जानिहो हमनी क पूरा खेती बारी नय छे, जगोह जमीन नय छे

एक दु कठा छे त खाली घोर भेर छे

वोहो घोर ने पूरा होतो

फसल, उपजा बढ़ियाँ ने होवे छे?

साक्षात्कारदाता: ने, कहाँ होवे छे?

एक फसल वेहे, जे मके तके होलो बस जों

मोन होलो त वेहे गोटो बुन देल्के, बूट बुन देल्के

जों वोहो पानी परुवा रहतो तभी ने

पनिया छेबेन करे छो ते ओकरा म...

साक्षात्कारकर्ता: पनिए सबसे बड़ा दिक्कत

साक्षात्कारदाता: तब! पनिए क दिक्कोत छो

पनिया रहलें सब ची उपजे

एक्के बीता छो, ते ओकरा म सब ची उपजे पारे छे

तनिये तनिये उपजाते, सब चीज उगयते

आर पनिये ने छो बेवस्था ते को बेवस्ता ने छो

हमनी क ते पूरा वेहे दिक्कत छो

साक्षात्कारकर्ता: अच्छा, जेसें तो कहलो की सुर्जाहु परब मनावे छो

ते ई प्रकृति से जुड़ल चीज होय गेले, गाछ बिरिछ आर जे प्राकृतिक तरीका छे रहे क ओकरा स जुड़ल छे...

ते ओकरा म की आर बतावे पारो? कुछु आर ओकरा म गाछ रहले, जानवर रहले, ई सब से जुड़लो कुछु तोर तरीका?

साक्षात्कारदाता: ने, बताय ने पारबो

साक्षात्कारकर्ता: तोर जनम कहाँ होल छेलो?

साक्षात्कारदाता: हम्मर जनम हम्मर नेहरे होल छेलो

चानन से हुन्ने जायल लागे, पछियें एक डेढ़ कोस रस्ता जेल लागे छे

साक्षात्कारकर्ता: की नां छो गामोक?

साक्षात्कारदाता: गामो के?

साक्षात्कारकर्ता: हों?

साक्षात्कारदाता: छबीला।

साक्षात्कारकर्ता: वहाँ जे नहियर छो, तोर वहाँ के जे परिवार छे नहियर वाला वोहो सन्ही खेती करे छो की कि करे छो?

साक्षात्कारदाता: वोहों ने छो ओतना खेती

वोहो सब छे वेहे रंग का, गरीबे।

मने येहे रंग तोहरे हमरे भोली बटाय करी खालियो

साक्षात्कारकर्ता: आर तोर माय बापू कोन भासा बोले छेलो?

साक्षात्कारदाता: येहे भासा, हमरे भासा।

साक्षात्कारकर्ता: आर दादा दादी?

साक्षात्कारदाता: दादा दादी, ऊ सब के ते देखो नय पारलिये।

बोड़ो होल छेलो तखनी ई भासा ते ई बोलबे करे छो, कोय आरो कोय भासा सिखलें छो?

यलग सें हम भासा नय सीखल छियो

हम जे बोले छियो वेहे भासा बोले छियो

दोसरें दोस्सर भासा बोले छे मतर, ऊ भासा हम नय पकड़े पारे छिए

साक्षात्कारकर्ता: जहां तोर नहियर छो ओकरा बारे म तनी बताहो किरंग छेले देखे म, सहरी छेले कि गाँव वाला छेले, तनी ओकरा बारे म बताहो।

साक्षात्कारदाता: सहर ते ने छो, गामें छो।

साक्षात्कारकर्ता: किरंग छे आसपास?

साक्षात्कारदाता: बजार सहर हुने नय छो, रोट, मेन रोट ने छो, बगल में छो एकदम, बहुत बगल में छे।

रोट बनी गेल छे अबे, अबे रोटो बनलो जाय रहल छे धीरे धीरे

ते वेहे रोटो स गाड़ी घोड़ा आय छे, टेम्पु तेमपु

ते ओकरे म याना जाना करे छे, चानने बजार आवे छो ऊ सब

बोर बजार करे बास्तें सब चानने आवे छे।

हुन्ने हटिया होवे छे?

साक्षात्कारदाता: हुन्ने हटिया ने लागे छो, हिन्ने चानने हटिया करे छे।

साक्षात्कारकर्ता: नहियर में तोर अप्पन घर होले, ओकरा बजाय आस पास के लोग किरंग छेले, ऊ सब लोग किरंग अप्पन गुजर बसर किरंग करे छेले?

अप्पन ऊ सब अपने लखन ने करतो

अब हम्हरनी छिए ते हम्हरनी अपने लखन ने करबे

भाय भयार सब छे, कमे छे। जानिहो बंगाल बिहार जे- जे आर काम करे छे आरो खाय छो

धिया पूता सब घरेम राखी देले छे

बाहरे जे जे कमाय कमाय आवे छो सभीं

परब परब में आतो सब

कमईए क खाय छो।

खेती बारी ने छो, सबके येहे रंग भोली टोहरी जे करीक हम्मे कमालियो, खालियो

अपनो खेत बारी ने छो।

साक्षात्कारकर्ता: ते वहाँ के लोग सब वहींकरे छेले कि बाहरियो आय क बसलो छेले?

साक्षात्कारदाता: बाहरियो जाय क बसल छो, बेटी बेटियारो छे सवासीन में

ते बिहा सादी कर देल्को ने, ककरो हुन्ने खेती बारी ने छो, ते जेकरा मोन होय गेले नेहरे म रही गेलो

वेहें कमे छो, खे छो वेहें

कहे छे कमाले खालें सगरो, आर ने कमाले खाले कोनोन मिलते

बाहरियो आय क बसलो छे सवासीन सब

साक्षात्कारकर्ता: आर लोग वहाँ के के जाती क छे?

साक्षात्कारदाता: छे ते वहाँ अलग जेत छे...

मने ऊ सब के बगले बगल छो गाँ

हमनी क जे बस्तिया छो ने? ते एक गाँ यलग छे

आरो मनहिया सब छो, जादब सब छो, ई सब छो बगलो बगलो म

साक्षात्कारकर्ता: मतलब सबके छोटो छोटो गाँ छे?

साक्षात्कारदाता: हों, गाँ छो अलग अलग

अबे ई देखिहो, ई लोहटनीया ऊ छो, हुन्ने नोनखार छो, आर हमन्ही क हिन्ने नय्यासी छो

येहे रंग यलग यलग छे

साक्षात्कारकर्ता: जेसें नय्यासी म नईय्या सन्ही रहे छे?

साक्षात्कारदाता: हूँ।

आर लोहटनीया म फेर जादब सब रहे छे

येहे रंका छे।

साक्षात्कारकर्ता: तोर परिवार वेहे गाँव से छेले जे चांदन लंग जे तो बताल्हो? वेहें स छेले कि कहूँ स आलो छेले?

साक्षात्कारदाता: वेहें छेले, वेहें स।

साक्षात्कारकर्ता: तोरा अपना दादा दादी ने ते नाना नानी बारे म कुछ एद छो?

साक्षात्कारदाता: की एद?

साक्षात्कारकर्ता: कुछु एद, कि किरंग छेले, कि करे छेले, कुछु एद रहे।

साक्षात्कारदाता: दादा दादी सन्ही ते वेहे कहे छियो कि देखेल ने पारलियो

किरंग छेले ने छेले ई टा बाता ने बताए पारबो

साक्षात्कारकर्ता: आर नाना नानी?

नाना नानी सन्ही क छेले खेती बारी। कहे छे हम्मर नाना यहाँ खाना ने आंटे छेलो खाय बास्तें

ते ओकरा आनी दे छेले, बोरा म बोझी बोझी आनी देतलो।

एगो डंटा लेतलो आरो दुईय्यो बगल बोरा झुलाय लेतलो

आरो भारो म करी आनिक पोहचाय देतलो यहाँ

जेहे मोन सेहे, चारे छो, धाने छो, जेहे मने अनाज छे सब, सबकुछ आनिक चार चूड़ा जतने समान

सब यानिक पोहचाय दय छेलो

परबो परबो म यानिक चूड़ा एकदम सें

येहे बस्तिया म, हम्मर नेहरा म हम्मर मईय्या सब दु बहिन छो

ते वहाँ हमरो मोसियो क एन दे छेले आर हमरो मईय्या क एन दे छेलो

पासे पास रहे छेले मोसी आर माय?

साक्षात्कारदाता: यलगे यलग माने रहे छेले, माने एक्के बस्तिया छो ने?

ते ऊ बगलो म छे आर हमरो मईय्या हमनी सब बगलो म छिए

तां आनिक देतलो योहों पोहचाय आर वोहो पोहचाय देतलो, ढो कें

आर कतना दूर छो, पेदले आवे छेलो, पाँच कोस रस्ता

अभी तों बिहाने जलखय खेक निकलतल्हो यहाँ स ने...

ते जेक बारा बजे पोहंच जातलो, पेदले पेदल

हों ते तखीनको अदमी न, कोदो मड़ुआ खे छेलो

कदवा मड़ुआ म जेतना ताकत छो ने ओतना ई ओना म ने छे तागत

साक्षात्कारकर्ता: कोदो मड़ुआ कि होवे छे?

साक्षात्कारदाता: ऊ जे घँसा वला ने होवे छो, तों ने देखलो होवो

हम्मे ने जाने छिए

तनी तनी गो एकदम अथिया दनमा देखेन हो

ऊ जे सागा वला छे ने, गेनहरिया क सगा छो वेहे रंग दना होकरो म निकलतलो

तनी तनी गो, ओकरहे म चार निकलतलो, ओकरहेम से ओकरा मड़ुआ क एकदम एत एत गो धान लखन एकअक गो रोपतलो

ई भीठा म, खेतोम

रोपी देतलों तहां किरंग उपजतलो हो

एकदम लाटो!

ओक्कर रोटी बनातलो ने जेरंका जोंदरा क रोटी ने बने छो अखनी मोटो मोटो

ओतना मोट मोटो बनातलो आर खातलो

से सब ऊ यन खेक ने ऊ सब तागत पूरा छेलो तखनी पूरा बुलतलो येकदम सें

तखिनको यन्न!

त होस छे, खालो छिए तनी मनी हमहरनियो खाल छियो ने

साक्षात्कारकर्ता: किरंग खाय म लागे?

साक्षात्कारदाता: बढ़ियाँ लागे छेले, मिट्ठो खाय म लागतलो, कत्ते बढ़ियाँ लागतलो खाय म

तखनी ओतना ई सब कहाँ?

ई सब तखनी कॉम उपजा

बेसी वेहे सब के उपजा

खे छेलियो तखनी भूखों मारलो कि करे, खाहिल पने

कुछुन कुछु खे क ते पेट भराहिल लागे पेटो क

तखनी वेहे सब आवे छेलो, ई आमो क कोइली क रोटी बनाए छेलो

साक्षात्कारकर्ता: कोइली क रोटी?

साक्षात्कारदाता: हों, ई आमा वला कोइलीया वला

साक्षात्कारकर्ता: कोइली कि होवे छे?

साक्षात्कारदाता: मने होक्कर दनमा आमा वला

ओकरो रोटी खाल छिए हम्मे

तखनको जुग में

आम के दाना खे छेले, रोटी बनाय छेले

खेम अछा ऊहो लागतलो

कस्सा आर एकटी मीठो

तइयो खे जे छेले भूखोक मारलो

तखनी ओन्न ने होवे छेले।

वेहे सब खे खे तखनी बाँचलो छे

अबे न नोवो नोवो होय गेले सब ने ते अब अनाजो उपजे लागलो पूरा

पेसो कोड़ी पूरा होवे लागलो

पुरनका अदमीया त सब खतम होय गेले

नोका होले ते, नोका अनाजो पूरा उपजी रहल छो आर पेसो कोड़ी पूरा होय रहल छो

साक्षात्कारकर्ता: अनाज जे आजकल होवे छे ओक्कर उपजा केसें बढ़लो छे?

साक्षात्कारदाता: उपजा होय गेलो, खाधा, तखनी खाद ने ऊ सन्ही कोय समान में ने परे छेलो

वेहे रंग जे उपजे धरती म, तखनी खाद नेय न दे छेलो

अब खाधा दे छो ते ढेरी उपजे छो, ओकरा म तागत ने छो

योहो न बाता होय गेले

उपजी जाय छे, मतर तागत ने छो उतना

देखिहो को घंटा खा आ खनमा को घंटा होते होते किरंग लागे लागतो भूखें!

तुरत भूख लेग जातो

तखनी ऊ सब अनाज खाथलो ने एक बेरिया खातलो दीन भरी रही जातलो

साक्षात्कारकर्ता: स्वाद वेहे रंग? पहलें बढ़ियाँ छेले कि आबे?

साक्षात्कारदाता: बढ़िया ते तखनी लागे छेले, अबे कि लागतो

अब ते दोसरो यनाज उपजी गेलो ऊ सब सवदबा देतो?

अब ने लागतो ऊ

जीबो बदलाय गेलो

अब देल भात चटर मटर खे क परकी गेले

जीबो अब ते नेन ऊ टा नेन अब खे क मोन करतो।