सब इख़्तियार मेरा तुज हात है प्यारा

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रचनाकार: क़ुली 'क़ुतुब' शाह

सब इख़्तियार मेरा तुज हात है प्यारा
जिस हाल सूँ रखेगा है ओ ख़ुशी हमारा

नयना अँझूँ सूँ धोऊँ पग अप पलक सूँ झाडूँ
जे कुई ख़बर सो लियावे मुख फूल का तुम्हारा

बुत-ख़ाने नयन तेरे होर बुत नयन कियाँ पुतलियाँ
मुज नयन में पुजारी पूजा अधान हमारा

उस पुतलियाँ की सूरत कुई ख़्वाब में जो देखे
रश्क आए मुज करे मत कोई सजदा उस दवारा

तुज ख़याल की हवस थे है जिउ हमन सो ज़िंदा
ओ ख़याल कद ने जावे हम सर थे टुक बहारा