मईय्या रुनु झुनु बिछी
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मईय्या रुनु झुनु बिछी |
'मईय्या रुनु झुनु बिछी' भगवती माय के अर्पित एगो अंगिका लोकगीत छे। |
कांहा रोपब एली फूल,
कांहा रोपब चमेली फूल।
कांहा रोपब एली फूल,
कांहा रोपब चमेली...
अंढुल फुल के माला गांथब,
अंढुल फुल के माला गांथब,
गले सोभे हार।
मईय्या रुनु झुनु मुनि आबे,
रुनु झुनु मुनि आबे,
गलें सोभे एली फुल,
हाथें सोभे बाजूबंदा...
हाथें सोभे बाजूबंदा...
गलें निर्मल हार।
मईय्या रुनु झुनु बिछी...
पयलबे सोभे हार।
मईय्या रुनु झुनु बिछी...
पयलबे सोभे हार।
कांहा रोपब एली फुल,
कांहा रोपब एली फुल,
कांहा रोपब चमेली फुल।
कांहा रोपब...
अंढुल फुल के माला गांथब,
गले सोभे हार।
मईय्या अंढुल फुल के माला गांथब,
गले सोभे हार।
मईय्या रुनु झुनु बिछिया,
पयलबे सोभे हार।
मईय्या टूटी गेले बाजूबंदा,
टूटी गेले बाजूबंदा,
फूटल निर्मल हार।
मईय्या रुनु झुनु बिछी,
पयलबे सोभे हार।
मईय्या रुनु झुनु बिछी,
पयलबे सोभे हार।