Jump to content

'चैता' अंगिका लोकगीत

From Wikisource
'चैता' अंगिका लोकगीत
345494'चैता' अंगिका लोकगीत
'Chaita', an Angika folk song

बारहो महिना करो वरनन होय छै।

आम तौर पर बारह मासा, सोहर, ई सब महिला जे होय छे ऊ गावे छै

अबे जोर्रत पड़े छे त हमरो अर के गावे होवे छै

"कि नय गाना है" ते गावे छियै

आबे नय छै से बात नय

लेकिन अपना एक छय कि भाय

बारह मासा होय गेले, एक होय छे होरी

होरी?

हाँ

अबे होली होली बोलै छे लेकिन हम्मे सन्ही जखनी छोटो छेलियै

गाम कहे छेले, 'चला चला होरी गावेल'

अच्छा

त होकरा म होरी भी गावे छै लोग

चैत म चैता गावे छै

अबे हम अपने क बतावे छिये

राम जी चैत म जनमलो छै

हम्मे सन्ही गावे छिये:


"राम जी के भेलै जनममा हो रामा

चैत शुभ दिनमा

राम जी के भेलै जनममा हो रामा

चैत रै महीनमा

केरे लुटावै रामा अनधन सोनमा

केरे लुटावै रामा अनधन सोनमा

केरे लुटावै धेनु गईय्या हो रामा चैतरे महीनमा"


ई चैता छै

आ ठीक शास्त्रीय म जे होय छै

होकरा चैती कहे छै।