Page:Konkani Viswakosh Vol1.pdf/750

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चालुक्य राजवंश कोंकणी विश्वकोश : १ कल्याणी चालुक्यांची वंशावळ विजयादिव्य (इ. f ६९६ ते ७३३) भीमः तिसरो कितींवर्मा aད་ལ་༑༑་ཆིང་ तिसारो विक्रमादित्यः दुसरो, भीम अय्य ཝ་འ་ཨེ་ཀེ་ཀiaལ་ दुसरो तैल | | सत्याश्रय (९९७-१००८) पांचवी विक्रमादित्य (१००८-१०१४) दुसरो अय्यण (१०१४-१०१५) (१०१५१०४२) यशोवर्मन | दुसरो जयसिंह पयलो सोमेश्ववार (༡༠༦༣།༢༧ दुसरो सोमेश्वर (१०६८-१०७६) सवो विक्रमादित्य (१०७६-११२७) जयकर्ण त्रैलोक्यमल्ल | तिसारो सोमेश्वर। ( - ) | दुसरो जगदेकमल्ल (११३८-११५१) चलली ना, पूण जयसिंह हेाणें मात १०१५ सावन १०४२ मेरेन राज्य चलयलें. परमार भोज, कलचुरी गांगेयदेव आनी चोल राजेंद्र ह्या तीन राजांवांगडा ताका झूजचे पडलें. जयसिंहान तिगांयची पराभव केली. ७३२ तिसरो तैल (༡།༣༦༣༥༧) चवथी सोमेश्वर (११८४-१२००) ताचे १०४ २ ते १०६८ मेरेनचे लेख सांपडल्यात. ताच्या काळांत चोल कल्याण ही राजधानी भूयभरवण केली, पूण १०५३-५४ त जाल्ल्या